तुलसी से जुड़ी ये गलतियां भूलकर भी देवशयनी एकादशी में ना करें। हो जाएगा भारी नुकसान
हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है और हर माह में दो एकादशी आती है। हर एक एकादशी का अपना महत्व है। प्रत्यके साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयनकाल में चले जाते हैं, जिसके 4 माह बाद यानी देवउठनी एकादशी तक सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। देवशयनी एकादशी के दिन भूलकर भी न करें यह काम वरना मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाएगी।
तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ें माना जाता है कि एकादशी तिथि पर तुलसी माता, भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन भूलकर भी तुलसी पर जल न चढ़ाएं। इसके साथ ही एकादशी तिथि पर तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए।
नाराज होंगी मां लक्ष्मी अगर आप श्री विष्णु की कृपा के पात्र बने रहना चाहते हैं, तो इस दिन तुलसी के आस-पास साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। तुलसी के पास कूड़ा या जूत्ते-चप्पल भी नहीं रखना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
नकारात्मकता बढ़ सकती है इस दिन तुलसी को गंदे हाथ या फिर जूठे हाथों से नहीं छूना चाहिए। स्नान करने के बाद ही तुलसी तो स्पर्श करें। एकादशी के दिन तुलसी की पूजा करते समय काले कपड़े नहीं पहनें। ऐसा करने से नकारात्मकता बढ़ जाएगी।
विष्णु जी की कृपा प्राप्त होगी एकादशी की तिथि पर भगवान विष्णु का भोग तुलसी के बिना अधूरा माना जाता है। इसके लिए आप एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ के रख लें। शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाए और तुलसी के मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से साधक को भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है।