दुनिया के लिए हरित ऊर्जा वृद्धि का इंजन बनेगा भारत: केंद्रीय मंत्री, प्रल्हाद जोशी
नयी दिल्ली । केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि भारत दुनिया के लिए हरित ऊर्जा वृद्धि का इंजन बनेगा क्योंकि देश में वर्ष 2030 तक 100 गीगावाट क्षमता की इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण क्षमता स्थापित होने की उम्मीद है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री जोशी ने कर्नाटक के डोडाबल्लापुर में एक निजी कंपनी के इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण संयंत्र का उद्घाटन करते हुए यह संभावना जताई। उन्होंने कहा, भारत में दुनिया में हरित ऊर्जा की वृद्धि का चालक बनने की क्षमता है। हरित हाइड्रोजन की मांग भारत में इलेक्ट्रोलाइजर की मांग को बढ़ावा देगी। संभावना है कि वर्ष 2030 तकभारत में 60 गीगावाट से लेकर 100 गीगावाट की इलेक्ट्रोलाइजर क्षमता स्थापित हो जाएगी।
उनकी टिप्पणी इस लिहाज से अहम है कि सरकार ने 50 लाख टन की हरित हाइड्रोजन क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इलेक्ट्रोलाइजर हरित हाइड्रोजन के निर्माण में इस्तेमाल होने वाला एक प्रमुख घटक है। जोशी ने कहा कि हरित हाइड्रोजन परिवहन, इस्पात विनिर्माण और भारी उद्योग जैसे क्षेत्रों को कार्बन-मुक्त करने का जरिया है।
उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन किए बगैर स्वच्छ ऊर्जा वाहनों को ताकत दे सकती है, कारखानों को ईंधन दे सकती है और घरों को रोशन कर सकती है। उन्होंने समग्र नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर कहा भारत ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस क्षेत्र में कई मील के पत्थर हासिल किए हैं। नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 2014 में 76 गीगावाट से 2.5 गुना बढ़कर जून 2024 तक 195 गीगावाट से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा क्षमता 2014 में केवल तीन गीगावाट से बढ़कर अब 85 गीगावाट से अधिक हो गई है, जबकि पवन ऊर्जा क्षमता इस दशक में 21 गीगावाट से बढ़कर 46 गीगावाट से अधिक हो गई है।