सावन शिवरात्रि से लेकर जन्माष्टमी तक, अगस्त में पड़ रहे ये बड़े पर्व
हम साल के आठवें महीने यानी की अगस्त महीने में प्रवेश कर चुके हैं। अगस्त के महीने में हर साल की तरह इस साल भी कई महत्वपूर्ण तीज-त्योहार पड़ रहे हैं। इस महीने में आपको कई शुभ दिन और शुभ मुहूर्त भी मिलेंगे, जिसमें आप किसी भी अच्छे कार्य की शुरूआत कर सकते हैं।
ऐसे में अगर आप भी जानना चाहते हैं कि अगस्त महीने में कौन से तीज त्योहार और कब शुभ मुहूर्त पड़ रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको अगस्त माह में पड़ने वाले प्रमुख तीज-त्योहारों व तिथियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
अगस्त 2024 के तीज त्योहार
प्रदोष व्रत- 1 अगस्त, गुरुवार
सावन शिवरात्रि- 2 अगस्त, शुक्रवार
श्रावण अमावस्या- 4 अगस्त, रविवार
हरियाली तीज-7 अगस्त, बुधवार
नाग पंचमी-9 अगस्त, शुक्रवार
श्रावण पुत्रदा एकादशी-16 अगस्त, शुक्रवार
प्रदोष व्रत- 17 अगस्त, शनिवार
रक्षा बंधन-19 अगस्त, सोमवार
कजरी तीज-22 अगस्त, गुरुवार
जन्माष्टमी- 26 अगस्त, सोमवार
अजा एकादशी-29 अगस्त, गुरुवार
प्रदोष व्रत-31 अगस्त, शनिवार
अगस्त में पड़ने वाले गोचर
सूर्य का गोचर
बता दें कि 16 अगस्त 202 को सूर्य देव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे।
चंद्रमा का गोचर
चंद्रमा एक राशि मे करीब 2.5 दिन रहते हैं। ऐसे में अगस्त के महीने में चंद्रमा सभी 12 राशियों में गोचर करेंगे।
मंगल का गोचर
इसके अलावा 6 अगस्त 2024 को मंगल कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे।
बुध का गोचर
वहीं 07 अगस्त 2024 को बुध ग्रह कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। फिर इसके बाद इसी माह में 25 अगस्त 2024 को बुध सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे।
बृहस्पति का गोचर
इस महीने बृहस्पति मेष राशि में विराजमान रहेंगे।
शुक्र का गोचर
अगस्त माह में शुक्र ग्रह सिंह राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे।
शनि का गोचर
शनि ग्रह वक्री होकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे।
राहु और केतु का गोचर
मेष राशि में राहु और तुला राशि में केतु विराजमान रहेंगे।
शुभ तिथियां और मुहूर्त
प्रॉपर्टी खरीदने का शुभ मुहूर्त
4 अगस्त 2024, बृहस्पतिवार
शुभ समय- सुबह 05:28 से 5 अगस्त 2024, रात 03:54 बजे तक।
6 अगस्त 2024, शुक्रवार
शुभ समय- सुबह 04:06 से सुबह 5:29 बजे तक।
11 अगस्त 2024, बृहस्पतिवार
शुभ समय- 05:31 से दोपहर 1:04 बजे तक।
19 अगस्त 2024, बृहस्पतिवार
शुभ समय- रात 03:25 से सुबह 5:35 बजे तक।
25 अगस्त 2024, बृहस्पतिवार
शुभ समय- सुबह 05:39 से शाम 04:16 बजे तक।
26 अगस्त 2024, शुक्रवार
शुभ समय- दोपहर 02:30 से 27 अगस्त 2024, सुबह 5:40 बजे तक।
विवाह मुहूर्त
6 अगस्त 2024, मंगलवार
शुभ समय- सुबह 07:00 से दोपहर 12:00 तक
9 अगस्त 2024 शुक्रवार
शुभ समय- सुबह 08:00 से दोपहर 01:00 तक
12 अगस्त 2024, सोमवार
शुभ समय- सुबह 09:00 से दोपहर 02:00 तक
गृह प्रवेश मुहूर्त
8 अगस्त 2024,गुरुवार
शुभ समय- सुबह 06:00 से सुबह 11:00 तक
15 अगस्त 2024, गुरुवार
शुभ समय- सुबह 07:30 से दोपहर 12:30 तक
वाहन खरीदने का मुहूर्त
2 अगस्त 2024, शुक्रवार
शुभ समय- दोपहर 12:00 से शाम 05:00 तक
21 अगस्त 2024, बुधवार
शुभ समय- सुबह 10:00 से दोपहर 03:00 तक
अन्य महत्वपूर्ण तिथियां
रक्षा बंधन- 19 अगस्त 2024, सोमवार
कृष्ण जन्माष्टमी- 26 अगस्त 2024,सोमवार
सावन शिवरात्रि
हिंदू धर्म में सावन माह की शिवरात्रि विशेष महत्व रखती है। वैसे तो हर महीने शिवरात्रि आती है, लेकिन हर साल सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाते वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है। यह भगवान शिव की आराधना के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। बता दें कि सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं श्रद्धालु भगवान शिव की कृपा व आशीर्वाद पाने के लिए दिन में व्रत करते हैं और रात भर जागरण करते हैं। सावन शिवरात्रि के मौके पर शिवलिंग पर दूध, जल, बेलपत्र, और अन्य पवित्र वस्त्र चढ़ाने की परंपरा है।
हरियाली तीज
सनातन धर्म में हरियाली तीज का बहुत महत्व होता है। महिलाओं के लिए यह व्रत काफी खास होता है। सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को प्रकृति और हरियाली का उत्सव माना जाता है। इस त्योहार को मनाने का मुख्य उद्देश्य पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करना है। इस दिन विवाहिता अपने पति की लंबी उम्र व स्वस्थ जीवन के लिए व्रत करती हैं। वहीं यह पर्व भगवान शिव और मां पार्वती के पुनर्मिलन से जुड़ा है।
नाग पंचमी
यह हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है जोकि मुख्य रूप से भारत और नेपाल में मनाया जाता है। हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के गले में नाग देवता विराजमान रहते हैं और इनको धन और समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है। नाग पंचमी के पर् के साथ कई पौराणिक कथाएं सुनने को मिलती है। एक फेमस कथा के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन नाग कालिया का वध किया था और यमुना नदी को कालिया नाग के अत्याचार से मुक्त किया था।
रक्षा बंधन
भारतीय संस्कृति में रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के प्यार भरे रिश्ते का प्रतीक है। इस पर्व के प्रतीक के रूप में बहन राखी का धागा बांधकर अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। धार्मिक लिहाज से इस पर्व का विशेष महत्व होता है। पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं और असुरों के बीच हुए युद्ध में अपने पति इंद्र की रक्षा के लिए इंद्राणी ने असुरों को राखी बांधी थी।
कजरी तीज
कजरी तीज पर्व को सुतई तीज या कजली तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत कर अपने पति की लंबी आयु व परिवार की खुशहाली की कामना करती हैं। यह व्रत काफी कठिन होता है। कजरी तीज व्रत को बिना जल पिए पूरा किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से महिलाओ को सौभाग्य और संतान सुख प्राप्त होता है।
जन्माष्टमी
हिंदू धर्म में जन्माष्टमी को एक प्रमुख त्योहार माना जाता है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। हर साल भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण, विष्णु भगवान के आठवें अवतार माने जाते हैं।