उत्तर प्रदेश।

संन्यासी से लेकर राजधर्म तक की यात्रा में ‘हिट’ रहे योगी आदित्यनाथ, ऐसे तय किया सफर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यानी की 05 जून को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। नाथ परंपरा के अनुपालन के अनुसार योगी आदित्यनाथ अपना जन्मदिन नहीं मनाते हैं। सीएम योगी ने संन्यासी से राजधर्म तक की यात्रा को बखूबी निभा रहे हैं। हालांकि आमतौर पर सन्यासी का नाम आते ही मन में सबसे पहले आराधना कर रहे साधु या योगी का भाव आता है। लेकिन इस धारणा को योगी आदित्यनाथ ने तोड़ने का काम किया है। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर योगी आदित्यनाथ के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातो के बारे में…

जन्म

देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में 05 जून 1972 को योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ था। इनका असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। वहीं इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट था, जोकि वन विभाग के अधिकारी थे। जीवन की तरुणाई में अजय सिंह बिष्ट का रुझान राम मंदिर की ओर गया और इसी दौरान उनकी मुलाकात गोरखनाथ मठ के महंत रहे अवैद्यनाथ से हुई।

अवैद्यनाथ ने अजय की प्रतिभा को पहचाना और उनके पिता से कहा कि वह अपने चारों बेटों में से एक को उन्हें दे दें। नाथ पंथ के विषय में अवैद्यनाथ से मिले ज्ञान के बाद योगी के जीवन में बड़ा बदलाव आया और उन्होंने संन्यास लेने का फैसला कर लिया। जिसके बाद संन्यास धारण कर वह अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ बन गए।

गोरक्षपीठाधीश्वर की भूमिका

क्योंकि गोरखनाथ मठ का संसदीय राजनीति से नाता है, इस लिहाज से अवैद्यनाथ के बाद मठ के महंत बने योगी भी राजनेता बन गए। योगी आदित्यनाथ ने गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी के तौर पर लोक कल्याण और सामाजिक समरसता के ध्येय को विस्तारित करने का काम किया। महज 22 साल की उम्र में योगी आदित्यनाथ ने अपने पूरे परिवार का त्याग कर समाज को परिवार बना लिया और लोक कल्याण के साथ आध्यात्म के साथ चलने लगे।

 

राजनीति में कदम

 

महज 26 साल की उम्र में वह लोकसभा के सबसे कम उम्र के सदस्य बन गए। फिर राजनीति में उनका कद लगातार बड़ा होता चला गया। बता दें कि गोरखपुर की जनता ने योगी आदित्यनाथ को लगातार 5 बार अपना सांसद चुना था। इसी दौरान उनकी राजनीतिक क्षमता को देख भारतीय जनता पार्टी ने साल 2017 में उत्तर प्रदेश के योगी को मुख्यमंत्री का दायित्व सौंप दिया।

दोबारा सीएम बन रचा इतिहास

मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ ने यूपी को उपलब्धि दिलाई, वह सर्वविदित है। इसके बाद साल 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत मिली और योगी आदित्यनाथ दोबारा उत्तर प्रदेश के सीएम बनें। संसदीय चुनाव में अजेय रहे योगी ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करते हुए अपनी अपराजेय लोकप्रियता को फिर से प्रमाणित कर दिया।

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