सुचारू बिजली आपूर्ति के लिए पिटकुल और यूपीसीएल में होगा तालमेल
देहरादून। प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। इस कारण प्रदेश में बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है। ऐसे में बिजली सब स्टेशनों और ट्रांसफार्मरों पर अत्याधिक लोड पड़ रहा है। ऐसे में बिजली कटौती और ट्रिपिंग की समस्या आ रही है। इस समस्या से निपटने के लिए पिटकुल और यूपीसीएल ने आपस में तालमेल बनाने का फैसला किया है। पिटकुल के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी का कहना है कि पिटकुल पारेषण लाइनों की देखभाल के साथ ही यूपीसीएल के साथ समन्वय करेेगा ताकि बिजली आपूर्ति सुचारू हो और उपभोक्ताओं को परेशानी न हो।
गर्मियों में बढ़ते विद्युत भार के दृष्टिगत पिटकुल एवं यूपीसीएल के अधिकारियों के बीच आज एक बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता पिटकुल के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी ने की। बैठक में भीषण गर्मी के दौरान विद्युत मांग में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि होने पर विचार विमर्श किया गया कि बिजली आपूर्ति को सुचारू कैसे रखा जाएं?
पिटकुल मुख्यालय में आयोजित इस बैठक में यूपीसीएल के निदेशक (परिचालन) एवं पिटकुल अधिकारियों के साथ बैठक में फैसला किया गया कि 132 केवी/220 केवी/400 केवी लाईनों के नीचे गुजर रही यूपीसीएल की लाईनों का मानक के अनुसार क्लीयरेन्स कम है, जिसकी वजह से विगत दिनों पिटकुल की पारेषण लाईनों में अनावश्यक ट्रिपिंग हुई। बैठक में सहमति बनी कि पिटकुल और यूपीसीएल संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण कर 33केवी/11केवी/एलटी लाईनों को आवश्यकतानुसार विस्थापित किया जाएगा। यूपीसीएल और पिटकुल के संबंधित अधिशासी अभियंता इस कार्य के लिए संयुक्त निरीक्षण करेंगे एवं दोनों निगमों के सम्बन्धित अधीक्षण अभियन्ता प्रतिमाह बैठक कर कार्यों की समीक्षा करेंगे।
बैठक में पिटकुल ने यूपीसीएल के निदेशक (परिचालन) से पिटकुल के अतिभारित उपकेन्द्रो से 33 केवी पोषकोें का विद्युत भार अविलम्ब अन्य उपकेन्द्रों, जहां पर पर्याप्त ट्राँसर्फामर क्षमता है, पर स्थानान्तरित करने का अनुरोध किया है ताकि ट्रिपिंग एवं विद्युत कटौती जैसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। इसके अलावा बैठक में यह सहमति भी बनी कि यूपीसीएल द्वारा बढ़ते अनुमानित भार से सम्बन्धी सूचना प्रत्येक 06 माह में पिटकुल को भी उपलब्ध करायी जायेगी। उपकेन्द्रों पर लोड मैनेजमेन्ट के लिए सहमति बनी कि एक मेगावाट या उससे अधिक क्षमता के विद्युत संयोजन स्वीकृत करने से पूर्व पिटकुल की सहमति अनिवार्य रूप से ली जायेगी।
निदेशक (परिचालन), यूपीसीएल ने बताया कि 220 केवी उपसंस्थान चम्बा से प्रेषित 33 केवी ढ़ालवाला तथा 33 केवी मुनि-की-रेती के मध्य कम क्षमता वाले कन्डक्टर को ज्यादा क्षमता वाले कन्डक्टर से बदला जाएगा। इसके अलावा वर्तमान में 220 केवी उपसंस्थान वीरभद्र ऋषिकेश में स्थापित 240 एमवीए ट्रांसर्फामर पर ओवरलोडिंग की स्थिति में, स्थानीय स्तर 11 केवी पोषकों पर विद्युत कटौती की सहमति बनी।
बैठक में यह भी सहमति बनी कि यूपीसीएल अपने उपकेन्द्रों पर कैपिसिटर बैंक स्थापित करेगा। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि जिन स्थानों पर सोलर प्लान्ट उपलब्ध हैं, वहाँ पर यूपीसीएल द्वारा उचित क्षमता के कैपिसिटर बैंक स्थापित किये जायेंगे। इसके अलावा तय किया गया कि हरिद्वार क्षेत्र में 33 केवी ट्रांसपोर्ट नगर पोषक को 132 केवी उपकेन्द्र पदार्था पर स्थानान्तरित किया जायेगा। 132 केवी उपकेन्द्र बिन्दाल एवं माजरा से लोड कम कर 220 उपकेन्द्र हर्रावाला में शिफ्ट किया जायेगा।
बैठक में यूपीसीएल के निदेशक (परिचालन) मदनराम, पिटकुल के मुख्य अभियन्ता स्तर-1 राजीव गुप्ता, मुख्य अभियन्ता (परि.एवं अनु.) गढ़वाल क्षेत्र रूड़की अनुपम सिंह, मुख्य अभियन्ता (परि.एवं अनु.) कुमाऊं क्षेत्र हल्द्वानी एच.एस. ह्यांकी ऑनलाईन तथा पिटकुल के अधीक्षण अभियन्ता पंकज कुमार, कार्तिकेय दूबे एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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चीला प्लांट का शटडाउन वापस लेने की अपील
पिटकुल के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी ने निदेशक (परियोजना), यूजेवीएन लिमिटिड को दूरभाष पर अवगत कराया गया कि चीला पावर हाऊस के अनुरक्षण कार्य में गति लायें व चीला पावर हाऊस का शटडाऊन शीघ्र वापिस किया जाये, जिससे कि चीला पावर हाऊस का उत्पादन शुरू हो सके एवं हरिद्वार, ऋषिकेश एवं देहरादून की विद्युत आपूर्ति में सुधार हो सके। यह भी सहमति बनी कि भविष्य में यूपीसीएल द्वारा देहरादून क्षेत्र में बढ़ते विद्युत भार के दृष्टिगत बढ़ते विद्युत भार के सम्बन्ध में अवगत कराया जायेग, जिसके उपरान्त पिटकुल द्वारा अपनी पारेषण लाईनों की क्षमता में वृद्धि की जायेगी।
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अभियंताओं को छुट्टी के लिए एमडी से लेनी होगी अनुमति
पिटकुल के प्रबन्ध निदेशक पीसी ध्यानी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विद्युुत व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के लिए अपने-अपने उपसंस्थानों एवं कार्यालय में मुस्तैदी से तैनात रहें। उन्होंने 24 घंटे विद्युत व्यवस्था को चाक चौबन्द रखने का निर्देश दिया है। साथ ही आदेश दिये हैं कि सहायक अभियन्ता एवं उससे उच्च स्तर के अधिकारी अपरिहार्य कारणों से किसी भी प्रकार के अवकाश की आवश्यकता पड़ने पर प्रबन्ध निदेशक, पिटकुल से पूर्वानुमति प्राप्त करने के बाद ही अवकाश मिलेगा।