ज्योतिष

शनि होने जा रहे वक्री, जुलाई में शुरु होंगे इन 3 राशियों के बुरे दिन, बचने के लिए करें ये उपाय

ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह कलयुग के न्याय देवता माने जाते हैं। सभी राशियों को उनके कर्म के अनुसार फल देते हैं। शनि जब अपनी चाल बदलते हैं, तो सभी राशियों के जीवन में प्रभाव देखने को मिलता है। कहा जाता है कि कलयुग में शनि का प्रभाव अधिक माना जाता है। आपको बता दें, जून के अंत में शनि वक्री होने जा रहे है। जिसका प्रभाव जुलाई की शुरुआत में ही देखने को मिलेगा।

ज्योतिष के अनुसार, शनि सबसे धीमी गति से राशि परिवर्तन करते हैं। शनि फिलहाल खुद की राशि कुंभ में विराजमान हैं। इसी राशि में 30 जून को चाल बदलने वाले हैं। शनि की वक्री होने से प्रभाव सबसे जीवन पड़ेगा। लेकिन, इस बार इन 3 राशियों के लिए यह प्रभाव कठिन समय लेकर आने वाला है।

ये 3 राशियां हो जाए सावधान

मेष राशि

शनि वक्री होने से मेष राशि वालों का समय बदल जाएगा। जीवन में नई मुसीबतें बढ़ेंगी। परिवार में छोटी-सी बातों पर विवाद शुरु हो सकता है। मानसिक तनाव भी बढ़ेगा, कोई भी कार्य पूरा करने में अधिक मशक्कत करनी पड़ सकती है। शुत्र आप पर ज्यादा हावी हो सकते हैं। आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। समय-समय पर यात्रा करनी पड़ सकती है। यात्रा पर खर्चा होगा।

तुला राशि

शनि के वक्री होने पर तुला राशि के जातकों को दिक्कत हो सकती है। जीवनसाथी के साथ मतभेद हो सकता है। ज्यादा खर्च की वजह से परेशान हो सकते हैं। हेल्थ साथ नहीं देंगी, अस्पताल भी जा सकते हैं। व्यापार में आर्थिक नुकसान हो सकता है। किसी पर विश्वास न करें। आलस्य की वजह से कोई भी कार्य पूरा नहीं होगा। छात्रों का मन पढ़ाई में नहीं लगेगा।

कुंभ राशि

इस राशि के जातकों के लिए भी शनि की वक्र चाल शुभ नहीं है। कोर्ट कचहरी के मामलों में फैसला पक्ष में नहीं आएगा। किसी विवाद में बिल्कुल न पड़े वरना फंस जाएंगे। मानसिक तनाव परेशान कर सकता है। अगर आप वाहन चलाते हैं तो सावधानी पूर्वक चलाएं चोट-चपेट की संभावना है। फालतु विवाद से बचें, जब तक शनि वक्री रहने वाले हैं। तब तक कोई भी नए कार्य की शुरुआत न करें। आर्थिक तंगी भी हो सकती है।

इससे बचने के लिए करें ये उपाय

शनि की वक्री से बचने के लिए हर शनिवार को शनि मंदिर जाएं तिल के तेल का दिया जलाएं। शनि देव को सरसों के तेल स्नान कराएं। शनि चलीसा का पाठ करें। इसके साथ ही आप बजरंगबली की पूजा करें। शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें। रोज हनुमान चालीसा भी पढ़ें। यह सब करने से शनि का नकारात्मक प्रभाव काफी कम होगा।

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