केदारनाथ

उत्तराखंड में केदारनाथ उपचुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों की लॉबिंग शुरू

केदारनाथ। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं का ‘दिया’ बुझने के बाद ,अब उत्तराखंड की कांग्रेस इकाई ने उम्मीदों का एक नया चिराग लेकर केदारनाथ के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के दरवाजे पर दस्तक देना आरंभ कर दिया है । विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद रिक्त केदारनाथ विधानसभा सीट पर सियासी घमसान की सुगबुगाहट तेज हो गई है। माना जा रहा है कि भाजपा यहां शैलारानी की बेटी को टिकट देकर सहानुभूति कार्ड खेल सकती है। हांलाकि सियासी समीकरण बनाने में भाजपा और कांग्रेस अपने नये प्रत्याशी को लेकर लंबी जद्दोजहद में दिख रही है और अब तक किसी भी दल ने अपने पत्ते नहीं खोले है। उत्तराखंड के मुखिया पुष्कर सिंह धामी द्वारा हाल ही में केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के लिए जनहित की 39 घोषणाएं कर अघोषित चुनाव प्रचार आरंभ किए जाने के बाद सचेत हुई कांग्रेस, केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में अपने सांगठनिक ढांचे को मजबूत करने में जुट गई है । केदारनाथ विधानसभा सीट के प्रस्तावित उपचुनाव में जीत के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने सभी बूथ व ब्लॉक अध्यक्षों को बूथ प्रबंधन कमेटियों को मजबूत करने का मंत्र दिया है तथा प्रत्येक बूथ कमेटी में न्यूनतम 11 और अधिकतम 51 सदस्य बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है ।इसके अलावा  कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से सबक लेते हुए केदारनाथ सीट के उप चुनाव के लिए मजबूत और जिताऊ प्रत्याशी का चयन, सूबे के कांग्रेसी क्षत्रपों की पसंद-नापसंद के आधार पर नहीं, बल्कि विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय कार्यकर्ताओं से राय-मशवरे के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पसंद के अनुसार ही ,करने की रणनीति तैयार की है। लिहाजा केदारनाथ विधानसभा के आगामी उपचुनाव में जिताऊ प्रत्याशी के लिए कांग्रेस ने बाकायदा एक सर्वे शुरू कर दिया है ।सर्वे के बाद पार्टी की ओर से विधानसभा क्षेत्र में पर्यवेक्षक भी भेजे जाएंगे, जो प्रत्याशियों को लेकर आम लोगों व कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे सर्वे और पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रत्याशियों का पैनल हाईकमान को भेजेगी। कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व इस कोशिश में है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव की तरह उत्तराखंड के कांग्रेसी क्षत्रपों की गुटबाजी का खामियाजा केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भी पार्टी को ना भोगना पड़े न भुगतना पड़े, मगर टिकट को लेकर कांग्रेस  नेताओं की आपसी खींचतान, उपचुनाव की घोषणा के पूर्व ही सतह पर नजर आने लगी है । कांग्रेस नेताओं का एक गुट मनोज रावत के साथ है ,तो दूसरा गुट कुंवर सजवाण को टिकट देने की पैरवी कर रहा है। बताना होगा कि कांग्रेस में केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में टिकट के दावेदारों में पूर्व विधायक मनोज रावत, जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष शशि सेमवाल के नाम की चर्चा है ,परंतु प्रदेश कांग्रेस कमेटी को उपरोक्त टिकट दावेदारों की ओर से अभी तक कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। दूसरी ओर केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है ।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के लिए 39 घोषणाएं कर मतदाताओं को यह संदेश देने की कोशिश की है कि केदारनाथ क्षेत्र का विकास सरकार की प्राथमिकताओं शामिल है। हालांकि चुनावी रणनीति के तहत कांग्रेस ने मुख्यमंत्री की घोषणाओं को उपचुनाव में भाजपा के हार का डर निरूपित किया है ,लेकिन धामी की घोषणाओं के बाद कांग्रेस का हरकत में आना ,इस बात का परिचायक है कि मुख्यमंत्री द्वारा केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के संबंध में की गई घोषणाओं से कांग्रेस अच्छा खासा विचलित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *